An Unbiased View of dosti shayari

महसूस करोगे तुम मेरे दोस्त! हम दोस्ती की वो ख़ुशबू हैं

मुरझाए फूल को खुश्बू देना कोई आपसे सीखे।

मुश्किलों में अकेले इंसान डगमगाता है।

जो पानी में गिरा हुआ दोस्त का आंसू भी पहचान लेती है।

किसी रोज़ याद न कर पाऊं तो खुदगर्ज़ न समझ लेना दोस्तों



गम में हमें हंसाने की जिद पर अड़े होते हैं,

उसे जिंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी।

जो बारिश की बूंदों में मेरे आंसू पहचान ले,

मुश्किलों में अकेले इंसान डगमगाता dosti shayari है।

कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।

मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और मुस्कान लिख दे

दोस्ती सच्ची प्रीत है जुदाई जिसकी रीत है।

न किसी के नजरों में न किसी के कदमों में,

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